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Mansoon Updates: अबकी बार मानसून ने तोड़ा रिकॉर्ड देशभर में समय से पहले पहुंचा बारिश का दौर


Mansoon Updates: इस साल पूरे भारतवर्ष में मानसून ने समय से पहले ही अपना जलवा दिखा दिया है। केरल में 24 मई को मानसून ने दस्तक देकर फिर तेजी से पूरे देश में फैल गया, और 29 जून तक पूरे भारत को अपनी चपेट में ले लिया जो की 8 जुलाई की औसत तिथि से 9 दिन पहले हो गया है। यह 2020 के बाद से सबसे तेज विस्तार माना जा रहा है। 

दिल्ली में इस बार मानसून का आगमन भी 29 जून को हो गया हालांकि इसकी घोषणा 2 दिन की देरी से हुई। वहीं दिल्ली एनसीआर में मानसून की वजह से भारी बारिश ने उमश भरी गर्मी से राहत दी तापमान में 10-12 डिग्री तक गिरावट दर्ज की गई है।


हालांकि कुछ इलाकों में भारी बारिश के कारण जल जमाव की समस्या ने लोगों को परेशान भी किया है। IMD ने अपने बयान में बताया कि मानसून आज राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पूरी दिल्ली में आगे बढ़ गया है। अगले 7 दिनों में उत्तर, पश्चिम, मध्य पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है।

इन राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी

IMD के अनुसार 29 और 30 जून को झारखंड के कुछ इलाकों में और 29 जून को ओडिशा में अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा लद्दाख हिमाचल प्रदेश पूर्वोत्तर बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं पंजाब, हरियाणा केरल और तमिलनाडु के कुछ इलाकों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की जा सकती है।

केरल में समय से पहले मानसून की एंट्री

इस साल मानसून ने केरल में 24 में को ही दस्तक दे दी थी। जो की सामान्य तिथि 1 जून से पहले ही हो गई अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में मजबूत निम्न दबाव प्रणालियों के कारण मानसून ने तेजी से प्रगति की और 29 मैं तक मुंबई मध्य महाराष्ट्र और पूरे पूर्वोत्तर को कवर कर लिया।

दिल्ली में बारिश से राहत और चुनौतियां

दिल्ली में मानसून पहुंचने से शहर वासियों को गर्मी से राहत दी है। हालांकि जल जमाव के कारण कुछ इलाकों में लोगों को परेशानी का सामना कर करना पड़ रहा है। आईएमडी ने अगले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना जताई है। मानसून की प्रगति और इसके प्रभाव पर नजर रखने के लिए मौसम विभाग की ताजा जानकारी पर ध्यान देना जरूरी है। देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश का यही हाल अगले कुछ हफ्तों तक जारी रह सकता है। 

जलवायु परिवर्तन और मानसून का बदलता पैटर्न

हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून के पैटर्न में बदलाव देखा गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अनियमित बारिश और अचानक भारी बारिश की घटनाएं जलवायु परिवर्तन का परिणाम हो सकती है। इस साल समय से पहले मानसून की दस्तक और कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश की भविष्यवाणी इस बदलाव का संकेत देती है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को बढ़ा और जल जमाव जैसी आपदाओं से निपटने के लिए पहले से बेहतर योजना बनाने की जरूरत है।

मानसून की प्रगति और भविष्य की तैयारी

IMD नई चेतावनी दी है कि अगले कुछ हफ्तों में मानसून की प्रगति और तेज हो सकती है। जिसके कारण देश के कई हिस्सों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है। स्थानीय प्रशासन को जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की तैयारी करने की सलाह दी गई है। साथ ही किसानों को भी सलाह दी जा रही है। कि वह मानसून के इस दौर का अधिकतम लाभ उठाने के लिए अपनी फसलों की बुवाई और अन्य गतिविधियों की योजना बनाएं और उस पर कम करें।

कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव होगा

समय से पहले मानसून की दस्तक से देश के कृषि क्षेत्र में उम्मीदें जगी हैं।खासकर धान ganna और अन्य खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी आ सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों ने खेतों की तैयारी शुरू कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बारिश का वितरण संतुलित रहा तो इस बार खाद्याउत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी इसे मजबूती मिलेगी हालांकि बाढ़ की स्थिति में फसलों को नुकसान भी हो सकता है।इसलिए सरकार को एडवांस अलर्ट और राहत व्यवस्था को सक्रिय रखना होगा।

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