बुधवार देर रात जब ईरान ने इजरायल के खिलाफ अपना जवाबी वार किया तब दुनिया ने पहली बार सेजिल मिसाइल की दहाड़ सुनी, एक ऐसी मिसाइल जो 7 मिनट में तेल अभी को राख कर सकती है।
ईरान के आईआरजीसी ने इस हमले को ऑपरेशन तो प्रॉमिस 3 नाम दिया और दावा किया कि यह जवाबी कार्रवाई उस गहन आक्रोश की परीनीति थी। जो इजरायल के हालिया ऑपरेशन Rising Lion ने जन्म दिया, ईरान का यह मिशन केवल जवाब नहीं था, बल्कि एक संदेश भी था कि अब हम चुप नहीं रहेंगे।
सेजल मिसाइल नहीं ईरान का शौर्य है:
ईरानी दूतावास ने दिल्ली से एक संदेश जारी कर बताया कि सेजिल कोई साधारण मिसाइल नहीं है। बल्कि ईरान की सामरिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह 18 मीटर लंबी ठोस ईंधन से चलती है। और 2000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली यह सेजिल मिसाइल जिसे न केवल तैयार करना मुश्किल था, बल्कि दुनिया से इसकी असली ताकत छिपाना भी मुश्किल था लेकिन हमने इस मिसाइल को बनाकर दिखा दिया कि इसका तोड़ इजरायल के पास नहीं है।
विशेषज्ञों के अनुसार सेजिल 3 जैसी अगली पीढ़ी की मिसाइल 4000 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं। और इसका लॉन्च वेट 38000 किलोग्राम तक हो सकता है।
इस मिसाइल से सब हो जाएगा धुआं धुआं चाहे वह अस्पताल हो या सैनिक ठिकाना:
जब ईरान ने मिसाइल दागी तो एक मिसाइल दक्षिणी इजरायल के बेर्शेबा स्थित सरोका अस्पताल को नुकसान पहुंचा गई।
इसराइल ने इसे नागरिकों पर हमला कहा लेकिन ईरान का दावा था। कि उसका निशान अस्पताल के पास स्थित एक गुप्त सैन्य ठिकाना था। इसराइल के मुताबिक इस हमले में 71 लोग घायल हुए जबकि ईरान की तरफ से मिसाइल इंटरसेप्शन को लेकर कोई पुष्ट जानकारी नहीं दी गई। हालांकि इसराइल डिफेंस फोर्स का दावा है कि सेजिल मिसाइल को इंटरसेप्ट कर लिया गया था।
सेजिल बनाम आयरन डोम तकनीक की जंग:
जहां एक ओर ईरान की सेजिल मिसाइल आधुनिक तकनीक और सटीकता का दावा करती है। वहीं इजरायल के पास है विश्व प्रसिद्ध आयरन डोम और एरम मिसाइल डिफेंस सिस्टम जिसने कई मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया है।
लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सेजिल जैसे हाई स्पीड और सॉलि़ड फ्यूल आधारित हथियारों को रोकना किसी भी डिफेंस मिसाइल के लिए एक बड़ी चुनौती है। खासकर तब जब मिसाइल एक झुंड में आती है।
सेजल मिसाइल आधुनिक युद्ध की नई परिभाषा:
सेजिल मिसाइल ईरान की स्वदेशी रक्षा तकनीकी की सबसे घातक और उन्नत मिसाइल में से एक मानी जाती है। यह एक तू स्टेज सॉलि़ड फ्यूल बैलिस्टिक मिसाइल है। जिसकी सबसे बड़ी विशेषता है। कि इसकी तेज लॉन्च क्षमता और लंबी दूरी तक मार करने की शक्ति पर आधारित होने के कारण इसे तुरंत लॉन्च किया जा सकता है और इसे छिपकर या मोबाइल लांचर से दागना भी संभव है।जिससे दुश्मन के लिए इसे ट्रैक करना कठिन हो जाता है।
लगभग 2000 से 4000 किलोमीटर दूर तक मार करने की क्षमता के साथ ही मिसाइल ने केवल इसराइल जैसे पड़ोसी देशों तक पहुंच सकती है बल्कि मिडल ईस्ट से बाहर के ठिकानों को भी निशाना बना सकती है। इसका डिजाइन और गाइडेंस सिस्टम इसे रणनीतिक रूप से बेहद खतरनाक हथियार बनाते हैं। खासकर तब जब दुश्मन की मिसाइल डिफेंस प्रणाली को चकमा देना चाहती हूं।
इसराइल ने किया परमाणु ठिकानों पर हमला:
13 जून को शुरू हुए इस जंग की सबसे बड़ी चिंता यह है कि इसमें दोनों देशों के परमाणु ठिकाने निशाने पर हैं। इसराइल ने ईरान के 13 नतांज और इस्फहान में हमले किए जवाब में ईरान ने हेवी वॉटर रिएक्टर समेत कई अहम प्रमाणु साइटों को अपने बचाव में सक्रिय कर दिया। यह टकराव अब दो देशों की दुश्मनी नहीं रह गई बल्कि यह पूरे क्षेत्र की स्थिरता और वैश्विक सुरक्षा को डामाडोल करने की स्थिति में आ गई है।
संघर्ष की गूंज संयुक्त राष्ट्र तक पहुंची:
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते टकरा ने अब वैश्विक कूटनीति को भी झकझोर दिया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने तत्काल संघर्ष विराम की अपील करते हुए कहा कि यह संघर्ष पूरे मध्य पूर्व को आग में झोंक सकता है।अमेरिका रूस और चीन तीनों ही परमाणु ताकतें अब इस लड़ाई में अपने-अपने राजनीतिक हितों के अनुसार पक्ष लेती नजर आ रही हैं।जहां अमेरिका खुलकर इजरायल के साथ खड़ा है वहीं रूस और चीन ने ईरान की सुरक्षा चिताओं को लेकर चिंता व्यक्त की है।इससे यह स्पष्ट हो गया है कि यह संघर्ष केवल छेत्री नहीं बल्कि एक संभावित वैश्विक संकट की ओर जा रहा है।
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