New MSP RATE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 2025-26 के खरीफ विपणन सत्र के लिए 14 प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दी। यह फैसला किसानों की आय में सुधार और उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और MSP में यह वृद्धि किसानों को बेहतर लाभ दिलाने और उनकी उपज को उचित मूल्य दिलाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
MSP क्या है और इसका महत्व
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) वह मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है। MSP किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम दाम सुनिश्चित करता है ताकि वे बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव से बच सकें और उन्हें उत्पादन लागत के अनुसार न्यायसंगत लाभ मिल सके। यह किसानों को कृषि में निवेश और उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करता है। MSP नीति से न केवल किसान लाभान्वित होते हैं, बल्कि इससे खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण विकास को भी बल मिलता है।
2025-26 के लिए MSP में बढ़ोतरी
इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 खरीफ फसलों के MSP में उल्लेखनीय वृद्धि की घोषणा की है। इन फसलों में धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, सोयाबीन, मूंगफली, कपास आदि शामिल हैं। संशोधित MSP इस प्रकार है (₹ प्रति क्विंटल):
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धान (सामान्य): ₹2,369
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धान (ग्रेड A): ₹2,389
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ज्वार (हाइब्रिड): ₹3,699
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बाजरा: ₹2,775
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मक्का: ₹2,400
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अरहर (तूर): ₹8,000
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मूंग: ₹8,768
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उड़द: ₹7,800
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सोयाबीन: ₹5,328
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मूंगफली: ₹7,263
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कपास (मध्यम रेशा): ₹7,710
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कपास (लंबा रेशा): ₹8,110
विशेष रूप से नाइजरसीड की MSP में ₹820 प्रति क्विंटल की सबसे अधिक वृद्धि की गई है। इसके बाद रागी (₹596), कपास (₹589), और तिल (₹579) में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह वृद्धि किसानों की लागत और बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए की गई है, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि हो सके।
किसानों के लिए लाभ
MSP में यह वृद्धि किसानों के लिए कई तरह से लाभकारी सिद्ध होगी। सबसे पहले, यह उन्हें अपनी उपज के लिए बेहतर और स्थिर मूल्य प्रदान करेगा। अक्सर बाजार में फसलों के दाम गिरने पर किसान आर्थिक रूप से दबाव में आ जाते हैं, लेकिन MSP उन्हें इस संकट से बचाने का काम करता है। दूसरी ओर, MSP में वृद्धि से किसानों को खेती के प्रति और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा जिससे वे बेहतर गुणवत्ता वाली फसल उगाने की ओर अग्रसर होंगे। इससे देश की खाद्य सुरक्षा भी मजबूत होगी।
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना पर ब्याज सब्सिडी जारी
सरकार ने किसानों की वित्तीय सहायता के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के तहत अल्पकालिक कृषि ऋणों पर 1.5% ब्याज सब्सिडी को भी 2025-26 के लिए जारी रखने की घोषणा की है। यह ब्याज सब्सिडी किसानों को सस्ते दर पर ऋण लेने में मदद करती है, जिससे वे फसल उत्पादन, बीज, खाद, और उपकरण खरीद में सक्षम होते हैं। इससे किसान उच्च लागत वाले निजी ऋणों से बचते हैं और उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होती है।
सरकार की प्रतिबद्धता और नीति
केंद्र सरकार ने MSP नीति के तहत यह लक्ष्य निर्धारित किया है कि MSP कम से कम उत्पादन लागत का 1.5 गुना होना चाहिए। इसका मकसद किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मुआवजा देना और उन्हें कृषि में टिकाऊ लाभ सुनिश्चित करना है। पिछले कुछ वर्षों में भी सरकार ने लगातार MSP में वृद्धि की है, जिससे किसानों की आय में सुधार हुआ है।
यह नई MSP वृद्धि नीति न केवल किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेगी, बल्कि इससे कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा, उत्पादन में सुधार होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। साथ ही, इससे किसान आत्मनिर्भर बनेंगे और कृषि संकट कम होगा।
कृषि क्षेत्र में समग्र सुधार की दिशा में कदम
सरकार की यह नीति किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। MSP में वृद्धि के साथ-साथ कृषि ऋणों पर ब्याज सब्सिडी, बेहतर बीमा योजनाएं, और मार्केटिंग नेटवर्क का विस्तार किसानों के लिए सहायक साबित होगा। सरकार निरंतर प्रयासरत है कि किसानों को आधुनिक तकनीक, बेहतर बीज, और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाए ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।
राज्यों की भूमिका और सहकारिता का महत्त्व
हालांकि MSP को केंद्र सरकार द्वारा घोषित किया जाता है, लेकिन इसकी प्रभावी क्रियान्वयन में राज्य सरकारों की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। राज्यों को चाहिए कि वे स्थानीय मंडियों और खरीद केंद्रों को समय पर सक्रिय करें, ताकि किसानों को आसानी से फसल बेचने का अवसर मिल सके। इसके साथ ही, सहकारी समितियों और कृषक उत्पादक संगठनों (FPOs) को मजबूत बनाकर किसानों को संगठित किया जा सकता है, जिससे उन्हें बेहतर सौदे मिल सकें और बिचौलियों की भूमिका सीमित की जा सके। इससे MSP का लाभ सीधे किसानों तक पहुंच सकेगा।
तकनीक और डिजिटलीकरण से पारदर्शिता
MSP के लाभ को अंतिम किसान तक पहुंचाने के लिए तकनीक और डिजिटलीकरण का प्रयोग भी अनिवार्य होता जा रहा है। ई-नाम पोर्टल, सीधी डीबीटी भुगतान प्रणाली और डिजिटल मंडियों जैसी योजनाएं किसानों को पारदर्शी और त्वरित भुगतान सुनिश्चित कर रही हैं। सरकार का प्रयास है कि किसान अपने मोबाइल के माध्यम से भी MSP की जानकारी, मंडी भाव और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें। इससे न केवल भ्रष्टाचार में कमी आती है, बल्कि किसानों का सरकार और नीतियों पर विश्वास भी मजबूत होता है।
निष्कर्ष
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा खरीफ 2025-26 के लिए MSP में यह वृद्धि किसानों के लिए उम्मीद की किरण है। यह निर्णय न केवल उनकी आय बढ़ाएगा बल्कि कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करेगा। किसान अब अधिक आत्मविश्वास के साथ खेती कर सकेंगे और देश की कृषि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में योगदान देंगे। सरकार की इस पहल से भारतीय किसानों का जीवन स्तर सुधारने और कृषि क्षेत्र को स्थिरता प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा सकता है।
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