Amitabh Real State: फिल्म इंडस्ट्री के महानायक और सदी के महानायक के नाम से पहचाने जाने वाले अमिताभ बच्चन ने एक बार फिर रियल एस्टेट में बड़ा निवेश किया है। इस बार उनका रुझान धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण शहर अयोध्या की ओर बढ़ा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बच्चन साहब ने अयोध्या में लगभग 25,000 वर्गफीट क्षेत्रफल की एक शानदार संपत्ति 40 करोड़ रुपये में खरीदी है।
यह खरीद न सिर्फ आर्थिक दृष्टि से बड़ी है, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट होता है कि अयोध्या अब सिर्फ धार्मिक केंद्र नहीं रह गया है, बल्कि भारत के बड़े और प्रभावशाली लोगों के लिए एक आकर्षक निवेश स्थल बन चुका है।
अयोध्या में अमिताभ बच्चन की यह चौथी संपत्ति
यह ध्यान देने योग्य है कि यह संपत्ति अमिताभ बच्चन की अयोध्या में चौथी खरीद है। इससे पहले भी उन्होंने यहां तीन अलग-अलग स्थानों पर ज़मीनें खरीदी हैं, जिनका विवरण कुछ इस प्रकार है:
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‘द सरयू’ प्रोजेक्ट में 10,000 वर्गफीट का प्लॉट – जिसकी कीमत करीब 14.5 करोड़ रुपये थी। यह परियोजना राम जन्मभूमि से कुछ ही दूरी पर स्थित है और हाई-एंड टाउनशिप के रूप में विकसित की जा रही है।
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‘हवेली अवध’ परियोजना में 5,372 वर्गफीट की संपत्ति – जिसकी कीमत 4.54 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह एक लक्ज़री हेरिटेज-स्टाइल हाउसिंग प्रोजेक्ट है।
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हरिवंश राय बच्चन ट्रस्ट के नाम पर रजिस्टर्ड 54,000 वर्गफीट का विशाल प्लॉट, जो अयोध्या राम मंदिर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस ज़मीन का उपयोग फिलहाल स्पष्ट नहीं है, लेकिन संभावना है कि यहां कोई सामाजिक या सांस्कृतिक केंद्र विकसित किया जा सकता है।
अब 25,000 वर्गफीट की नई खरीद के साथ, अयोध्या में बच्चन परिवार का कुल रियल एस्टेट पोर्टफोलियो 94,372 वर्गफीट तक पहुँच चुका है।
रियल एस्टेट में लगातार बढ़ रहा है बच्चन परिवार का निवेश
अमिताभ बच्चन और उनका परिवार केवल मुंबई या मेट्रो शहरों में ही नहीं, बल्कि अब धार्मिक व सांस्कृतिक महत्त्व वाले स्थलों में भी अपनी रुचि दिखा रहे हैं। इससे पहले पिछले साल (2024 में) भी बच्चन परिवार ने एक बड़ा सौदा किया था, जिसमें उन्होंने मुंबई में 24.95 करोड़ रुपये की लागत से कुल 10 फ्लैट्स खरीदे थे।
इस प्रकार से देखा जाए तो बच्चन परिवार न केवल सिनेमा जगत में बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर में भी प्रभावशाली निवेशक के रूप में उभर रहा है।
क्यों अयोध्या बन रही है निवेश का नया केंद्र?
राम मंदिर निर्माण के बाद से अयोध्या की प्रतिष्ठा और महत्त्व में असाधारण वृद्धि हुई है। यहाँ पर्यटन, धार्मिक यात्रा और हेरिटेज टूरिज्म का जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है। सरकार की ओर से भी अयोध्या को आधुनिक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके चलते ज़मीनों की कीमतें पिछले दो वर्षों में दोगुनी से भी अधिक हो चुकी हैं।
विकास की प्रमुख वजहें:
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राम मंदिर का भव्य निर्माण
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अयोध्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विकास
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पांच सितारा होटल्स की श्रृंखलाएं
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हेरिटेज सिटी के रूप में ब्रांडिंग
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विदेशी पर्यटकों की बढ़ती संख्या
इन सभी कारणों से अयोध्या ‘पवित्रता और प्रॉपर्टी वैल्यू’ का अनूठा संगम बनती जा रही है।
बॉलीवुड और धार्मिक नगरी का जुड़ाव
अमिताभ बच्चन पहले बॉलीवुड स्टार नहीं हैं जिन्होंने धार्मिक स्थलों में निवेश किया हो, लेकिन उनका अयोध्या के प्रति यह विशेष झुकाव उनके पारिवारिक मूल्यों और धार्मिक आस्था को दर्शाता है। खुद अमिताभ कई बार यह बता चुके हैं कि रामायण और तुलसीदास की रचनाएं उनके जीवन के मूल स्तंभों में से एक हैं।
इसके साथ ही उनका यह निवेश भी यह संकेत देता है कि आने वाले वर्षों में अयोध्या बॉलीवुड और सेलिब्रिटी समाज के लिए एक प्रमुख निवेश गंतव्य बन सकती है।
संपत्ति के पीछे संभावित उद्देश्य
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस नई संपत्ति पर क्या निर्माण होगा, लेकिन जानकारों का मानना है कि:
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संभवतः यहाँ एक निजी रिसॉर्ट या रिट्रीट हाउस बनाया जा सकता है।
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या फिर बच्चन परिवार इस स्थान को धार्मिक ट्रस्ट, आध्यात्मिक केंद्र या वृद्धाश्रम के रूप में विकसित कर सकता है।
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व्यापारिक दृष्टि से देखें तो यह भूमि होटल, धर्मशाला, या व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स के लिए भी उपयुक्त हो सकती है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
अयोध्या के स्थानीय नागरिक और व्यापारी वर्ग इस ख़बर से उत्साहित हैं। उनका मानना है कि:
“जब ऐसे बड़े नाम यहाँ निवेश करते हैं, तो शहर की छवि और निवेशकों का भरोसा दोनों ही मजबूत होते हैं।”
कुछ स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि बच्चन परिवार का जुड़ाव अयोध्या की अंतरराष्ट्रीय पहचान को नई ऊँचाई देगा।
क़ीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी
2022 के बाद से अयोध्या में जमीन के दामों में बेतहाशा वृद्धि देखी गई है। जहाँ पहले अच्छी लोकेशन में ज़मीन ₹1,000–₹2,000 प्रति वर्गफीट में मिल जाती थी, अब वही ज़मीन ₹5,000–₹10,000 प्रति वर्गफीट तक पहुँच चुकी है। यही कारण है कि कई बिल्डर और डेवलपर अब अयोध्या को ‘अगला वृंदावन’ या ‘नया काशी’ मानने लगे हैं।
निष्कर्ष: धार्मिक शहर, व्यावसायिक अवसर
अमिताभ बच्चन की यह नई प्रॉपर्टी डील इस बात का प्रमाण है कि अयोध्या अब न केवल आध्यात्मिक केंद्र है, बल्कि आर्थिक और रियल एस्टेट निवेश का भी उभरता हुआ केंद्र बन चुका है। उनकी यह खरीद न केवल उनके विश्वास को दर्शाती है, बल्कि आने वाले समय में और भी कई बड़े नामों के अयोध्या में निवेश की राह खोल सकती है।
जहाँ एक ओर राम मंदिर श्रद्धा का प्रतीक बनता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर अयोध्या शहर आर्थिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की ओर अग्रसर है — और इस बदलाव के गवाह बन रहे हैं भारत के हर वर्ग के लोग।
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