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Safe Landing: दिल्ली और श्रीनगर फ्लाइट की सेफ लैंडिंग


Delhi jaunpur patrika: को दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट में एक बेहद डरावना और खतरनाक अनुभव देखने को मिला। अचानक खराब मौसम और ओलों की तेज बौछार ने फ्लाइट को गंभीर रूप से प्रभावित कर दिया। तेज टर्बुलेंस के चलते विमान के आगे के हिस्से में गंभीर क्षति हुई और उसमें एक बड़ा छेद हो गया। गनीमत रही कि पायलट की सूझबूझ और त्वरित निर्णय ने 180 से अधिक यात्रियों की जान बचा ली।

मौसम बना हादसे की वजह

यह घटना उस समय हुई जब विमान ने दिल्ली एयरपोर्ट से श्रीनगर के लिए उड़ान भरी थी। शुरुआती 20 मिनट तक सब कुछ सामान्य था, लेकिन जैसे ही विमान उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्र में दाखिल हुआ, मौसम ने अचानक रौद्र रूप धारण कर लिया। आसमान में काले बादल छा गए, तेज हवाएं चलने लगीं और ओलों की मार शुरू हो गई।

इसी बीच विमान को जबरदस्त टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा। यात्रियों के मुताबिक, ऐसा लग रहा था जैसे विमान हवा में उछल रहा हो। कुछ यात्रियों की सीट बेल्ट बंधी नहीं थी, जिसकी वजह से वे अपनी सीटों से हिलने लगे। क्रू मेंबर्स ने तुरंत यात्रियों को सतर्क किया और सीट बेल्ट बांधने के निर्देश दिए।

विमान के आगे के हिस्से में बना बड़ा होल

सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि ओलों और मौसम के अत्यधिक दबाव के चलते विमान के आगे के हिस्से में एक बड़ा छेद बन गया। यह छेद पायलट की खिड़की से कुछ इंच की दूरी पर था। अगर यह क्षति थोड़ी और गंभीर होती, तो विमान को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता था।

फ्लाइट में मौजूद एक यात्री ने बताया, "हमने तेज आवाज सुनी, मानो कोई चीज विमान से टकराई हो। कुछ ही देर में पूरा विमान हिलने लगा। बच्चों के रोने की आवाज, बुजुर्गों की दुआएं और हर किसी के चेहरे पर डर साफ दिख रहा था।"

एटीसी से टूटा संपर्क

स्थिति और भयावह तब हो गई जब फ्लाइट का संपर्क एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से टूट गया। आम तौर पर विमान और ATC के बीच लगातार संवाद बना रहता है, जिससे उड़ान की दिशा, ऊंचाई और सुरक्षा सुनिश्चित होती है। लेकिन बिजली गिरने से विमान का संचार तंत्र कुछ समय के लिए ठप हो गया।

इस दौरान पायलट को खुद से निर्णय लेना पड़ा। पायलट ने अपनी पूरी ट्रेनिंग और अनुभव का परिचय देते हुए विमान को वापस दिल्ली की ओर मोड़ दिया। कुछ मिनटों तक पूरी फ्लाइट बिना किसी गाइडेंस के हवा में थी, लेकिन पायलट ने हिम्मत नहीं हारी और धीरे-धीरे विमान को नीचे लाकर सुरक्षित दिल्ली एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करवाई।

आपातकालीन निकासी

विमान की इमरजेंसी लैंडिंग के बाद यात्रियों को तुरंत इमरजेंसी गेट्स के जरिए बाहर निकाला गया। एयरपोर्ट पर पहले से ही दमकल और मेडिकल टीम को सतर्क कर दिया गया था। यात्रियों को बाहर निकालते समय काफी अफरा-तफरी मची, लेकिन क्रू मेंबर्स की मुस्तैदी के कारण कोई बड़ी अनहोनी नहीं हुई।

यात्रियों की जुबानी: “जिंदगी का सबसे डरावना अनुभव”

फ्लाइट में मौजूद यात्रियों ने इस अनुभव को अपने जीवन का सबसे भयानक क्षण बताया। दिल्ली निवासी अमित वर्मा, जो श्रीनगर किसी पारिवारिक कार्य से जा रहे थे, ने बताया, "जब विमान हिल रहा था, तब लगा कि यह हमारी आखिरी उड़ान है। लेकिन जैसे ही विमान सुरक्षित उतरा, मेरी आंखों से आंसू निकल आए। पायलट को सलाम है।"

एक अन्य यात्री ने कहा, “बच्चे चिल्ला रहे थे, लोग भगवान को याद कर रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे हर किसी की जिंदगी खत्म होने वाली है।”

फ्लाइट का वीडियो वायरल

इस पूरी घटना के दौरान कुछ यात्रियों ने मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड किए, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि विमान के भीतर किस तरह की घबराहट का माहौल था। सीट बेल्ट में बंधे यात्री, कांपते हुए हाथ, और खिड़की से दिखाई दे रही तेज ओलों की बौछार – यह सब देखकर किसी की भी रूह कांप जाए।

वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोग इंडिगो पायलट की तारीफों के पुल बांधने लगे।

इंडिगो का आधिकारिक बयान

घटना के बाद इंडिगो एयरलाइंस ने एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया:
"हम यह पुष्टि करते हैं कि हमारी फ्लाइट 6E-2489, जो दिल्ली से श्रीनगर के लिए उड़ान पर थी, ने खराब मौसम के चलते तकनीकी कठिनाइयों का सामना किया। पायलट और केबिन क्रू ने सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया और विमान को सुरक्षित रूप से दिल्ली में लैंड कराया गया। सभी यात्री सुरक्षित हैं। हम इस अप्रत्याशित घटना के लिए खेद प्रकट करते हैं और यात्रियों को हुई असुविधा के लिए माफी मांगते हैं।"

DGCA ने शुरू की जांच

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दे दिए हैं। DGCA की तकनीकी टीम विमान की स्थिति, मौसमीय आंकड़ों और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की जांच करेगी। प्रारंभिक रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि यह दुर्घटना पूरी तरह से प्राकृतिक कारणों से हुई।

सवालों के घेरे में मौसम पूर्वानुमान तंत्र

इस घटना के बाद कई सवाल उठने लगे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या मौसम विभाग ने इस खतरनाक सिस्टम का समय रहते पूर्वानुमान नहीं लगाया था? क्या फ्लाइट को उड़ान भरने की अनुमति देने से पहले मौसम की पूरी जानकारी नहीं थी?

विशेषज्ञों का कहना है कि आधुनिक विमान खराब मौसम में उड़ान भरने में सक्षम होते हैं, लेकिन जब बात आकाशीय बिजली और ओलों की हो, तो हर तकनीक की सीमा होती है। ऐसे में अत्यधिक सतर्कता की आवश्यकता होती है।

नायक बना पायलट

इस पूरे हादसे में एक हीरो उभरा है – और वह है फ्लाइट का पायलट। उसकी सूझबूझ, हिम्मत और त्वरित फैसले ने न सिर्फ यात्रियों की जान बचाई, बल्कि भारतीय विमानन इतिहास में एक और मिसाल कायम की। यात्रियों ने एयरपोर्ट पर उतरने के बाद ताली बजाकर पायलट का अभिनंदन किया।

निष्कर्ष

यह घटना हमें यह सिखाती है कि तकनीक कितनी भी उन्नत हो, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं के आगे हम सब असहाय हो सकते हैं। ऐसे में मानव सूझबूझ, धैर्य और अनुशासन ही सबसे बड़ा हथियार बनता है। इंडिगो फ्लाइट के पायलट और केबिन क्रू ने जो साहसिक कार्य किया, वह काबिले-तारीफ है। अगर थोड़ी सी भी चूक होती, तो यह खबर एक बड़ी त्रासदी बन सकती थी।

इस घटना से यह भी स्पष्ट हो गया है कि भविष्य में ऐसे हालात से निपटने के लिए हमारी तैयारी और अधिक मजबूत होनी चाहिए। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और इस घटना ने पूरे विमानन क्षेत्र को एक बार फिर से चेताया है।

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